ऋषिकेश, 05 जून 2024-टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने सतत आजीविका और सामुदायिक विकास केंद्र, ऋषिकेश में स्वदेशी प्रजातियों के पौधों का रोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर.के. विश्नोई ने बताया कि विकास, लचीलापन और समर्पण का प्रतीक यह कार्यक्रम पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति संगठन की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सतत समाधानों पर कंपनी के फोकस पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आज का कार्यक्रम उन कार्यक्रमों की श्रृंखला में से एक है जो पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। यह कार्यक्रम सततता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसे पूरे निगम में, देश के विभिन्‍न भागों में स्‍थित टीएचडीसीआईएल की सभी परियोजनाओं और कार्यालयों में आयोजित किया जा रहा है।"
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास केंद्र में "भूमि पुनरुद्धार, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटना" विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री शैलेन्‍द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसीआईएल द्वारा पारंपरिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत और प्रसिद्ध पर्यावरणविद् श्री सचिदानंद भारती उपस्‍थित रहे । इसके साथ ही टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस अवसर के लिए निर्धारित विषय यानी #हमारी धरती एवं हमारा भविष्य तथा पीढ़ी पुनर्स्थापना'' आज के विश्व के लिए जिसमें बढ़ता तापमान, घटता वन क्षेत्र एवं बढ़ता जल संकट जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों को देखते हुए सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से स्वच्छ पर्यावरण और स्थिरता के लिए संकल्प लेने का आग्रह किया तथा सभी को ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए प्रत्‍येक वर्ष कम से कम दो पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड 24/7 किफायती विद्युत उपलब्ध कराने के साथ ही देश के सतत विकास में योदगान प्रदान करने के लिए भी समर्पित है।"
उन्होंने यह भी बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख विद्युत उत्‍पादक एवं लाभ अर्जित करने वाली कंपनी है, जो उत्कृष्टता, सततता एवं सामुदायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत के ऊर्जा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में, टीएचडीसीआईएल पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए राष्ट्र के विकास में योगदान देने में अग्रसर है।
श्री सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता इसकी संगठनात्मक संस्कृति में गहराई से अंतर्निहित है, जैसा कि इसकी व्यापक पर्यावरण नीति से भी स्पष्ट होता है। कंपनी पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्‍प्रभावों को कम करने के लिए अपनी परियोजनाओं में उन्नत तकनीकों और प्रक्रियाओं को नियोजित करती है। इसके अतिरिक्त, 2070 तक शुद्ध-शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत सरकार के विजन के अनुरूप, टीएचडीसीआईएल ऋषिकेश में एक ग्रीन हाइड्रोजन पायलट परियोजना का कार्यान्‍वयन कर रही है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं ने पर्यावरणीय चिंताओं पर चर्चा की इसके साथ ही सतत तरीकों एवं पारिस्थितिक संतुलन पर भी विशेष जोर दिया। उनकी अंतर्दृष्टि और अनुभवों ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया तथा उन्‍होंने पर्यावरण संरक्षण में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, जिनमें महाप्रबंधक (सामाजिक एवं पर्यावरण) श्री अमरदीप; विशेष कार्याधिकारी, श्री पी.के. नैथानी; उप महाप्रबंधक, श्री विपिन थपलियाल; श्री बी.एस. नेगी, तथा वरिष्ठ प्रबंधक, श्री डी.पी. त्यागी भी उपस्‍थित रहे, जिन्होंने हरित तथा अधिक लचीले पर्यावरण के प्रति संगठन की सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।