टीएचडीसीआईएल की वर्तमान संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट है जिसमें तीन जल विद्युत, दो पवन और एक सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल हैं। टीएचडीसीआईएल ने अपनी तीन निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं यानि टिहरी पीएसपी (4x250 मेगावाट), विष्णुगाड पीपलकोटी एचईपी (4x111 मेगावाट) और खुर्जा एसटीपीपी (2x660 मेगावाट) की प्रत्याशित कमीशनिंग के साथ 2026-27 तक 2764 मेगावाट की अभिवृद्धि करने की परिकल्पना की गई है। वर्ष 2026-27 के अंत तक टीएचडीसीआईएल की संस्थापित क्षमता 4351 मेगावाट होने की परिकल्पना की गई है।
टीएचडीसीआईएल 'टुस्को लिमिटेड' के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी, ललितपुर (600-600 मेगावाट), और चित्रकूट (800 मेगावाट) में 2000 मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क विकसित कर रहा है।
इसके अतिरिक्त टीएचडीसीआईएल संयुक्त उपक्रम कंपनी 'ट्रेडको राजस्थान लिमिटेड' के माध्यम से राजस्थान राज्य में 10,000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क विकसित कर रहा है।
टीएचडीसीआईएल एक नई उभरती लागत प्रभावी कार्बन कैप्चर तकनीक के साथ खुर्जा एसटीपीपी (2x660मे.वा.) में कार्बन कैप्चर के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट कार्यान्वित करने की प्रक्रिया में है। इस पायलट परियोजना के प्रचालन के परिणामस्वरूप, इसकी क्षमता में वृद्धि की जाएगी, जो उत्पन्न होने वाली गैसों से अधिकांश कार्बन-आधारित उत्सर्जन (सीओ2, आदि) को समाप्त करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, खुर्जा एसटीपीपी में रॉ वाटर रिजरवायर पर 11 मेगावाट का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र के कार्यान्वयन का कार्य प्रगति पर है।
टीएचडीसीआईएल ने कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) और कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड (केआरईडीएल) के साथ नवंबर, 2023 में विभिन्न ग्राउंड माउंटेड, रूफ टॉप और फ्लोटिंग सोलर पीवी प्लांट पीएसपी, हाइब्रिड सहित कुल 3270 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की एक विविध श्रृंखला के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। टीएचडीसीआईएल ने सौर/फ्लोटिंग सौर संयंत्रों के विकास के लिए पीएफआर/डीपीआर तैयार करने और भूमि की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अरुणाचल प्रदेश सरकार और टीएचडीसीआईएल के मध्य दिसंबर, 2023 में अरुणाचल प्रदेश के अंजॉव जिले में 1200 मेगावाट की कलाई-II जल विद्युत परियोजना के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अरुणाचल प्रदेश में 5455.50 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली अन्य जल विद्युत परियोजनाओं को आवंटन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने दिसंबर, 2023 में एनर्जी कॉन्क्लेव-2023 के दौरान उत्तराखंड में 1719 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 05 जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की जिम्मेदारी 'टीयूईसीओ लिमिटेड' (टीएचडीसीआईएल और 'उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड' की एक संयुक्त उद्यम कंपनी) को सौंपी है।
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने समर्पित कोयला खदानों के विकास के साथ-साथ गोधना टीपीपी (2x800 मेगावाट) के कार्यान्वयन के लिए कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) के साथ एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना के लिए जनवरी, 2024 में अपनी 'सैद्धांतिक' मंजूरी, इस शर्त के साथ कि संयुक्त उपक्रम का प्रशासनिक नियंत्रण टीएचडीसीआईएल के पास रहेगा प्रदान कर दी है। इसके पश्चात, टीएचडीसीआईएल केपीसीएल के साथ संयुक्त उपक्रम के गठन की प्रक्रिया में है।
टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में संभावित फ्लोटिंग सौर ऊर्जा क्षमताओं की भी तलाश कर रहा है।
टीएचडीसीआईएल परियोजनाएं शुरू करने और भारत सरकार के साथ सहभागिता के लिए प्रयासरत है। भारत सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तदनुसार, टीएचडीसीआईएल कार्यालय परिसर, ऋषिकेश (उत्तराखंड) में 1 मेगावाट क्षमता(इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड सिस्टम) के साथ 'ग्रीन हाइड्रोजन' की एक पायलट परियोजना शुरू की गई है।
टीएचडीसीआईएल देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी देशों में भी जल विद्युत, पंप स्टोरेज और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की संभावनाएं भी तलाश रहा है।
कॉर्पोरेट योजना के लिए यहां क्लिक करें