क्रम सं. |
एजेंसी का नाम |
एमओयू की तिथि |
क्षेत्र का विवरण |
1. |
उत्तराखण्ड सरकार |
जनवरी- 2004 |
उत्तराखण्ड सरकार को उत्तरकाशी में वरूणावत पर्वत के ढलान स्थिरीकरण के लिए संपूर्ण अभियांत्रिकी समाधान प्रदान करना तथा स्थल पर कार्यो का पर्यवेक्षण। |
2. |
एमईए, भारत सरकार |
जुलाई- 2008 |
भूटान में संकोश जल विद्युत परियोजना (2585) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अद्यतन करना |
3. |
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी), कटरा, जम्मू एवं कश्मीर |
जून- 2011 |
कटरा एवं भवन के मध्य खतरनाक क्षेत्रों (35 अवस्थिति) के लिए परिकल्प एवं अभियांत्रिकी उपाय |
4. |
राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी(एनडब्ल्यूडीए) |
नवंबर- 2011 |
दमनगंगा –पिंजल लिंक परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित संभावित विद्युत गृह का विद्युत क्षमता एवं ई एण्ड एम अध्ययन |
5. |
उड़ीसा जल विद्युत कॉरपोरेशन लि. (ओएचपीसी लि.) |
फरवरी, 2012 |
मौजूदा ऊपरी इंद्रावती जल विद्युत परियोजना(600 मे.वा.) में पंप स्टोरेज योजना की पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट, मौजूदा ऊपरी कोलाब जल विद्युत परियोजना (320मे.वा.) में पंप स्टोरेज योजना की पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट, मौजूदा बलीमेला जल विद्युत परियोजना(510मे.वा.) में पंप स्टोरेज योजना की पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट |
6. |
उत्तराखण्ड सरकार |
सितंबर- 2013 |
उत्तराखण्ड में विभिन्न सड़कों की 20 अवस्थितियों पर पहाड़ी स्थिरीकरण के लिए उत्तराखण्ड सरकार को संपूर्ण अभियांत्रिकी समाधान प्रदान करना एवं स्थल पर कार्य क्रियान्वयन के दौरान तकनीकी निगरानी करना।( 14 लोकेशनों पर कार्य पूर्ण ) |
7. |
उत्तराखण्ड सरकार |
जून- 2014 |
नैनीताल में राजभवन के पास भूस्खलन क्षेत्र का उपचार कार्य । |
8. |
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कॉरपोरेशन लि.(सीएसपीजीसीएल) |
सितंबर -2015 |
एकीकृत घाटी अवधारणा पर आधारित इंद्रावती नदी घाटी हेतु 06 नं. एचईपी एवं पीएसपी की व्यवहार्यता रिपोर्ट की तैयारी |
9. |
उत्तराखण्ड सरकार |
फरवरी - 2017 |
05 अवस्थितियों के ढलान स्थिरीकरण के लिए मैसर्स डब्ल्यूएपीसीओएस के द्वारा डीपीआर की वेटिंग उत्तराखण्ड सरकार को प्रस्तुत की गई । |
10. |
उत्तराखण्ड सरकार |
जनवरी- 2017 |
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में वरूणावत पर्वत के ताम्बाखानी श्यूट के दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन स्थिरीकरण के उपायों का परिकल्प एवं पर्यवेक्ष्ण परामर्श कार्य करना। |
11 |
सड़क और परिवहन मंत्रालय (एमओआरटीएच), अरुणाचल प्रदेश |
फरवरी - 2021 |
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-713ए एवं एनएच-13 पर भूस्खलन स्थिरीकरण और निर्माण/चौड़ीकरण कार्यों के प्राक्कलन की तकनीकी समीक्षा के लिए 'समीक्षा परामर्शदाता ' के रूप में परामर्श सेवाएं प्रदान करना। |
12 |
सड़क और परिवहन मंत्रालय (एमओआरटीएच), अरुणाचल प्रदेश |
जुलाई- 2021 |
अरूणाचल प्रदेश के होलोंगी ईटानगर, एनएच 415 भाग में भूस्खलन और सड़क निर्माण कार्यों के कटाव के संरक्षण और स्थिरीकरण के लिए समीक्षा/ तकनीकी समीक्षा हेतु परामर्शी सेवाएं प्रदान करना। |
13 |
उत्तराखंड सरकार |
एमओयू - 2013 |
टीएचडीसीआईएल उत्तराखण्ड राज्य में राज्य लोक निर्माण विभाग को उत्तराखण्ड के विभिन्न भागों की सड़क अवस्थितियों में 20 खतरनाक भूस्खलन क्षेत्रों में क्रियान्वयन के दौरान सहायता एवं तकनीकी निगरानी के साथ-साथ नियोजन, परिकल्प एवं अभियांत्रिकी उपाय उपलब्ध करवाने में लगी हुई है। (उत्तराखण्ड लो.नि.वि. द्वारा अभी भी शेष 06 अवस्थितियों पर कार्य शुरू करना है) |
14 |
उत्तराखंड सरकार |
एमओयू जून- 2014 |
उत्तराखंड के राज्य लोक निर्माण विभाग को राजभवन, नैनीताल से सटे ढलान पर जीर्ण ढलान क्षेत्र को स्थिर करने के लिए तत्काल उपायों (चरण-प्रथम) और व्यापक योजना (चरण-द्वितीय) के लिए निष्पादन चरण के दौरान सहायता और तकनीकी निगरानी सहित योजना, परिकल्प एवं अभियांत्रिकी उपायों हेतु परामर्शी सेवाएं प्रदान करना। |
15 |
उत्तराखंड सरकार |
एमओयू अगस्त, 2020 |
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग-गौरीकांड मोटर मार्ग पर 65 मीटर सुरंग की क्षतिग्रस्त लाइनिंग की रेट्रोफिटिंग के लिए राज्य सरकार को परामर्शी सेवा प्रदान करना। पहला चरण, जिसमें सुरंग के क्षतिग्रस्त हिस्से की बहाली के लिए तत्काल कार्य शामिल है, प्रस्तावित विस्तृत इंजीनियरिंग योजना के साथ उत्तराखण्ड ले.नि.वि. के एनएच-प्रभाग द्वारा पूरा कर लिया गया है। चरण-द्वितीय के अंतर्गत दीर्घकालिक उपायों के लिए कार्यों की योजना तैयार की जा रही है। |
16 |
उत्तराखंड सरकार |
एमओयू दिसम्बर, 2022 |
उत्तराखंड के धारचूला में ग्वालगांव, थारचूला पिथौरागढ़, के सिंचाई प्रभाग को तकनीकी निगरानी सहित ढलान उपाय का नियोजन, डिजाइन एवं अभियांत्रिकी सेवाएं के लिए परामर्शी सेवाएं प्रदान करना । |