परियोजना/परिसर दक्षिणी भूटान में सरपंग जिले के केराबारी गांव के पास संकोश नदी पर स्थित है। पश्चिम बंगाल के बरोबिसा में एनएच-31सी से सड़क मार्ग डाइवर्ट करके परियोजना तक पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा सिलीगुड़ी (भारत) के पास बागडोगरा में है, जो परियोजना स्थल से लगभग 300 किमी दूरी पर है।
टीएचडीसीआईएल ने अप्रैल-09 में विद्युत मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सीईए और सीडब्ल्यूसी को रॉक-फिल मुख्य बांध के विकल्प पर विचार करते हुए संकोश एचईपी की अद्यतन डीपीआर प्रस्तुत की थी।
सीडब्ल्यूसी ने सुझाव दिया कि सेडिमेंट के बेहतर प्रबंधन के लिए कंक्रीट बांध की संभावना का पता लगाया जाए और साथ ही बांध की लंबे कार्यकाल को भी ध्यान में रखा जाए। भूटान की शाही सरकार ने अनुरोध किया कि परियोजना का सेडिमेंट अध्ययन किया जाए।
ईष्टतम संकोश परियोजना (2585 मेगावाट) के लिए डीपीआर तैयार करने का काम भी पूरा कर लिया गया है और 27 अगस्त -12 को डीपीआर सीईए और सीडब्ल्यूसी को प्रस्तुत कर दी गई है।
संकोश मुख्य बांध परियोजना:
संस्थापित क्षमता = 2500 मेगावाट, वार्षिक ऊर्जा = 5949.05मिलियन यूनिट(परिकल्प ऊर्जा)
संकोश विनियमन बांध परियोजना:
संस्थापित क्षमता = 85 मेगावाट, वार्षिक ऊर्जा = 416.34 मि.यू. (परिकल्प ऊर्जा)
संकोश परियोजना के कार्यान्वयन पर पहले दौर की वार्ता 19.09.18 को भूटान की शाही सरकार और भारत सरकार के मध्य थिम्पू, भूटान में हुई थी।
टीएचडीसीआईएल और सीईए के अधिकारियों के साथ संयुक्त सचिव (हाइड्रो),विद्युत मंत्रालय और संयुक्त सचिव (उत्तरी), एमईए, भारत सरकार ने भूटान की शाही सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा में भाग लिया ।
टीएचडीसी ने संकोश एचईपी की ईष्टतम डीपीआर पर विस्तृत प्रस्तुति दी और परियोजना की व्यवहार्यता को ईष्टतम करने के लिए किए गए अध्ययनों पर प्रकाश डाला ।
संयुक्त सचिव (हाइड्रो), विद्युत मंत्रालय ने कहा कि संकोश एक बहुत अच्छी परियोजना है और टीएचडीसी ने संकोश परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए व्यापक कार्य किया है। संयुक्त सचिव (हाइड्रो) ने पुनात्सांगछु-I और II में देखी गई देरी के मद्देनजर प्रभावी निगरानी और जवाबदेही के लिए संकोश परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नए आईजी मॉडल को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
भूटान की शाही सरकार संकोश परियोजना के कार्यान्वयन हेतु अधिक कुशल और प्रभावी प्रबंधन के लिए संशोधित आईजी मॉडल पर सहमत हुई ।
तीसरे दौर की बैठक 21.10.19 को थिंपू, भूटान में विद्युत मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, टीएचडीसी और भूटान की शाही सरकार के अधिकारियों के मध्य संकोश एचईपी, भूटान के कार्यान्वयन मॉडल पर आयोजित की गई थी। इस बैठक में भारतीय दूतावास के माननीय राजदूत ने संयुक्त सचिव (हाइड्रो), संयुक्त सचिव(उत्तरी) और टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के साथ भाग लिया।
भारत सरकार ने पीआईए के रूप में भारतीय पीएसयू के संस्थागत बैक अप के लाभों पर फिर से जोर दिया जो परियोजना के समय और लागत में वृद्धि को रोकने में सहायक होगा। पीआईए में संयुक्त प्रबंध निदेशक भूटान से होंगे और पीआईए में भूटानियों का प्रतिनिधित्व 70-80% के क्रम में होगा, जिसमें निचले स्तर पर 90-95% तक भूटानियों को वरीयता दी जाएगी।
भूटान को रॉयल्टी ऊर्जा के मुद्दे पर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी ने बताया कि सदस्य (हाइड्रो), सीडब्ल्यूसी की अध्यक्षता में सीईए, सीडब्ल्यूसी, टीएचडीसी और भूटान की शाही सरकार के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने 11.01.12 से 24.01.12 तक सीडब्ल्यूसी, नई दिल्ली में संकोश परियोजना की व्यवहार्यता पर एक साथ काम किया। इस अध्ययन में, परियोजना घटकों को ईष्टतम किया गया था। परियोजना को शून्य निशुल्क विद्युत और शून्य अनिवार्य वैकल्पिक कर पर विचार करते हुए व्यवहार्य पाया गया और सीईआरसी मानदंडों के आधार पर 3.29 रुपये के स्तर पर टैरिफ की गणना की गई। टीएचडीसी ने 3 फरवरी, 2012 को नई दिल्ली में आयोजित अगले 8वें ईजेजी में इस अध्ययन के परिणाम पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। ईजेजी ने अध्ययनों को मंजूरी दी और टीएचडीसी को डीपीआर जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। इन मापदंडों के आधार पर, सीईए द्वारा संकोश एचईपी की डीपीआर को मंजूरी दी गई थी।
संकोश एचईपी के लिए अधिक कुशल और प्रभावी प्रबंधन के लिए संशोधित आईजी मॉडल को अंतिम रूप देने के लिए विद्युत मंत्रालय और एमईए, भारत सरकार में विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जा रही है, जिसमें भारतीय पीएसयू, पीआईए के संस्थागत बैक अप के लाभ पर जोर दिया गया है ।