- टीएचडीसीआईएल की वर्तमान संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट है जिसमें तीन जल विद्युत, दो पवन और एक सौर विद्युत संयंत्र शामिल हैं। टीएचडीसीआईएल ने अपनी तीन निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं नामत: टिहरी पीएसपी (4x250 मेगावाट), विष्णुगाड पीपलकोटी एचईपी (4x111 मेगावाट) और खुर्जा एसटीपीपी (2x660 मेगावाट) के प्रत्याशित कमीशन के साथ 2026-27 तक 2764 मेगावाट वृद्धि की परिकल्पना की है । टीएचडीसीआईएल की संस्थापित क्षमता वर्ष 2026-27 के अंत तक 4351 मेगावाट होने की परिकल्पना की गई है।
- टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी (600 मेगावाट), ललितपुर(600 मेगावाट) और चित्रकूट (800 मेगावाट) में 'टीएचडीसीआईएल' और 'यूपीनेडा' (उ.प्र. सरकार की एक इकाई/एजेंसी) के मध्य 74:26 के अनुपात में इक्विटी भागीदारी के साथ 'टुस्को लिमिटेड’ नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी जो सितंबर 2020 में पंजीकृत है, के माध्यम से 2000 मेगावाट के सौर विद्युत पार्क विकसित कर रहा है। 2000 मेगावाट के सौर विद्युत पार्कों के लिए एमएनआरई द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
- राजस्थान राज्य में 10,000 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा नवीकरणीय ऊर्जा पार्कों के विकास के लिए टीएचडीसीआईएल और आरआरईसीएल (राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा निगम लिमिटेड) के बीच 'ट्रेडको राजस्थान लिमिटेड' नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी को मार्च 2023 में निगमित किया गया है।
- जिला पिथौरागढ़ (उत्तराखण्ड) में 165 मेगावाट की प्रस्तावित संस्थापित क्षमता के साथ धौलीगंगा नदी (काली/सारदा नदी की एक सहायक नदी) पर बोकांग बेलिंग एचईपी परियोजना की डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रगति पर चल रहा है।
- जल विद्युत क्षेत्र के विकास में भारत-भूटान सहयोग के तहत, भूटान में दो परियोजनाएं अर्थात संकोश स्टोरेज परियोजना (2585 मेगावाट) एवं बुनाखा एचईपी (180 मेगावाट) की डीपीआर को अद्यतन करने के साथ-साथ भूटानी सार्वजनिक उपक्रमों के साथ अंतर सरकारी प्राधिकरण मॉडल/संयुक्त उद्यम के रूप में कार्यान्वयन करने हेतु आवंटित किया है। दोनों परियोजनाओं की डीपीआर प्रस्तुत कर दी गई है।
- इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतो, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण प्रौद्योगिकियों से ऊर्जा उत्पादन की भविष्य की संभावनाओं का पता लगाने के उद्देश्य से 5 साल की अवधि के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए दिसंबर 2021 में टीएचडीसीआईएल और इरेडा के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- भारत सरकार द्वारा महाराष्ट्र में छ: पंप स्टोरेज परियोजनाओं(पीएसपी) की पहचान की गई है। इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल ने स्वयं भी महाराष्ट्र में 7390 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली एक परियोजना (पीएसपी) की पहचान की है, 6 परियोजनाओं (स्व-पहचानी गई 01 परियोजना सहित) की पीएफआर तैयार कर दी गई है।
- टीएचडीसीआईएल किर्गिस्तान में भी 1305 मेगावाट की सुसामिर-कोकोमेरेन एचपीपी विद्युत परियोजना हासिल करने के लिए प्रयासरत है। टीएचडीसीआईएल ने एमईए के एलएंडटी प्रभाग से उक्त परियोजना के पुनरीक्षण के लिए 'विद्युत मंत्रालय' (भारत सरकार) को एमओयू का मसौदा प्रस्तुत कर दिया है।
- टीएचडीसीआईएल उ.प्र. के आईडब्ल्यूआरडी द्वारा आवंटित उत्तर प्रदेश में विभिन्न जलाशयों पर कुल 464 मेगावाट की 3 फ्लोटिंग सौर विद्युत परियोजनाएं विकसित करने की योजना बना रही है। इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार कर उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्तुत कर दी गई है। इन परियोजनाओं को हासिल करने के लिए बातचीत चल रही है।
- टीएचडीसीआईएल ने कर्नाटक में कुल 3270 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की एक विविध श्रृंखला जिसमें विभिन्न ग्राउंड माउंटेड, रूफ टॉप और फ्लोटिंग सोलर पीवी प्लांट, पीएसपी एवं हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल है, के लिए कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) और कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड (केआरईडीएल) के साथ नवंबर 2023 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। टीएचडीसीआईएल ने सौर/फ्लोटिंग सौर संयंत्रों के विकास के लिए पीएफआर/डीपीआर तैयार करने तथा भूमि के चिन्हिकरण की प्रकिया शुरू कर दी है।
- विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने अनुषंगी कोयला खदानों के विकास के साथ-साथ गोधना टीपीपी (2x800 मेगावाट) के कार्यान्वयन के लिए कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) के साथ टीएचडीसीआईएल के प्रशासनिक नियंत्रण में संयुक्त उद्यम बनाने हेतु जनवरी, 2024 में अपनी 'सैद्धांतिक' मंजूरी प्रदान कर दी है। तदोपंरात टीएचडीसीआईएल केपीसीएल के साथ संयुक्त उद्यम के गठन की प्रक्रिया कर रही है।
- टीएचडीसीआईएल ने भारत में विद्युत के व्यापार के लिए श्रेणी-IV के तहत पॉवर ट्रेडिंग लाइसेंस भी हासिल कर लिया है।
- टीएचडीसीआईएल ने देश में विद्युत वाहन को बढ़ावा देने की सरकार की नीति के तहत उत्तराखंड के चारधाम यात्रा मार्गों पर 14 विद्युत वाहन चार्जिंग केन्द्रों की संस्थापना के लिए, गढ़वाल मंडल विकास निगम लिमिटेड(जीएमवीएनएल), उत्तराखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है।
- टीएचडीसीआईएल नई उभरती हुई लागत प्रभावी कार्बन कैप्चर प्रौद्योगिकी के अंतर्गत खुर्जा एसटीपीपी(2x660मे.वा.) में कार्बन कैप्चर हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन की प्रक्रिया कर रही है। इस पायलट परियोजना के परिणाम के आधार पर, इसकी क्षमता में वृद्धि की जाएगी जिनसे उत्सर्जित होने वाली अधिकांश गैसों से कार्बन-आधारित उत्सर्जन (कार्बन डाई ऑक्साइड आदि) को समाप्त करने में सहायता मिलेगी।
- खुर्जा एसटीपीपी में रॉ वाटर रिजरवायर पर 11 मेगावाट के फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्र का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
- अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में 1200 मेगावाट की कलाई-II जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन हेतु अरूणाचल सरकार(अरुणाचल प्रदेश सरकार) एवं टीएचडीसीआईएल के मध्य दिसंबर, 2023 में समझौता ज्ञापन(एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अरुणाचल प्रदेश में अन्य जलविद्युत परियोजनाओं जिनकी संचयी क्षमता 5455.50 मेगावाट है, इन परियोजनाओं के आबंटन हेतु बातचीत की जा रही है।
- उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु टीएचडीसीआईएल एवं 'उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड' (यूजेवीएनएल) द्वारा समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया है। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत टीएचडीसीआईएल-यूजेवीएनएल ऊर्जा कंपनी लिमिटेड (टीयूईसीओ लिमिटेड) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी को दिसंबर 2023 में निगमित किया गया है।
- उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में कुल 1719 मेगावाट की 05 जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की जिम्मेदारी दिसंबर 2023 में आयोजित एनर्जी कॉन्क्लेव-2023 के दौरान नव निगमित की गई जेवी कंपनी को सौंप दी है।
- टीएचडीसीआईएल हाइड्रोजन परियोजनाएं शुरू करने और भारत सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का प्रयास कर रही है। तद्नुसार, टीएचडीसीआईएल के कार्यालय परिसर, ऋषिकेश (उत्तराखंड) में 1 मेगावाट क्षमता )इलेक्ट्रोलिसर एवं फ्यूल-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड सिस्टम) की 'ग्रीन हाइड्रोजन' की एक पायलट परियोजना पूर्ण हो चुकी है।
- इसके साथ ही टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में फ्लोटिंग सौर विद्युत क्षमताओं की संभावनाएं भी तलाश रही है।
- टीएचडीसीआईएल देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी देशों में भी जल विद्युत, पंप स्टोरेज और नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं के विकास की संभावनाएं भी तलाश रही है।
नवीनतम अद्यतन 30/4/2024 किया गया ।