कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में 10 मार्च, 2021 को ई-3 ग्रेड के कार्यपालकों के लिए हिंदी/यूनिकोड कार्यशाला का आयोजन किया गया । यह आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया । कार्यशाला की अध्यक्षता श्री ईश्वरदत्त तिग्गा, उप महाप्रबंधक (कार्मिक - स्थापना / हिंदी) ने की । सर्वप्रथम कनि. अधिकारी, श्री नरेश सिंह ने हिंदी अनुभाग की ओर से कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष महोदय एवं कार्यशाला में प्रतिभागिता कर रहे सभी अधिकारियों का स्वागत किया । उन्होंने हिंदी अनुभाग के द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी । इस अवसर पर श्री ईश्वरदत्त तिग्गा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के निर्देशानुसार संस्थान के सभी कर्मचारियों को 02 वर्ष में एक बार हिंदी कार्यशाला में प्रतिभागिता करना अनिवार्य है । इसी क्रम में ई-3 ग्रेड के कार्यपालकों के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । हिंदी कार्यशाला में राजभाषा के लिए संविधान में किए गए प्रावधानों, भारत सरकार की राजभाषा नीति, अधिनियम एवं राजभाषा नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है तथा इसके साथ ही कम्प्यूटर पर हिंदी के लिए विकसित किए गए टूल्स के प्रयोग संबंधी जानकारी भी दी जाती है । जिससे कर्मचारी इनका भरपूर प्रयोग अपने सरकारी कामकाज में करते हुए राजभाषा के कार्यान्वयन में योगदान दे सकें । उन्होंने कहा कि अधिकांश पत्राचार एवं टिप्पणी लेखन शुरूआती स्तर पर इसी ग्रेड के अधिकारियों के द्वारा किया जाता है । इसलिए यह कार्यशाला इन अधिकारियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी । कार्यशाला में आंतरिक संकाय सदस्य वरि.हिंदी अधिकारी, श्री पंकज कुमार शर्मा ने अपने व्याख्यान में प्रतिभागियों को राजभाषा के संदर्भ में किए गए संवैधानिक प्रावधानों, राजभाषा अधिनियम, 1963 एवं राजभाषा नियम, 1976 के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी । उन्होंने अनेक उदाहरणों के माध्यम से सरल हिंदी के प्रयोग से संबंधित जानकारी भी दी । उन्होंने कहा कि कंपनियों, संस्थानों एवं अन्य संगठनों, मशीनों, उपकरणों आदि के अंग्रेजी नामों का अनुवाद कर लिखना सही नहीं है। इनको सिर्फ देवनागरी में लिखना ही पर्याप्त होगा । कार्यशाला के दूसरे सत्र में श्री शर्मा ने कम्प्यूटरों पर हिंदी में कार्य करने से संबंधित प्रयोगात्मक रूप से जानकारी दी । उन्होंने कहा कि यूनिकोड प्रणाली के आने के बाद अब सबके लिए हिंदी में कार्य करना आसान हो गया है। जो कर्मचारी हिंदी टाइपिंग जानते हैं वे उसी प्रकार टाइपिंग कार्य कर सकते हैं जिस प्रकार वे गैर यूनिकोड फोंट में करते आ रहे थे और जो कर्मचारी हिंदी टाइपिंग नहीं जानते वे फोनेटिक की-बोर्ड के माध्यम से टाइपिंग कर सकते हैं । इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों को लैपटॉप पर वाइस टाइपिंग भी करके दिखाई तथा गूगल ड्राइव के माध्यम से मोबाइल से बोलकर टाइप करना भी प्रयोगात्मक रूप से करके दिखाया । कार्यशाला में प्रतिभागिता कर रहे अधिकारियों ने अपने फीडबैक में कार्यशाला में बताई गई बातों की सराहना की और कहा कि यह कार्यशाला उनके लिए काफी उपयोगी रही जिसका उपयोग वे अपने कार्यालय के कार्यों में करेंगे ।