1.0 पृष्ठभूमि
प्रणाली की विश्वसनीयता में वृदि्ध करने और ऑफ पीक आवर्स के दौरान थर्मल और नवीकरणीय विद्युत उत्पादन को संतुलित विद्युत आपूर्ति के लिए टिहरी पीएसपी की परिकल्पना 1000 मेगावाट का विद्युत उत्पादन करने के लिए की गई थी । टिहरी बांध और कोटेश्वर बांध द्वारा निर्मित जलाशय पंप भंडारण संयंत्र के लिए अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम जलाशयों के रूप में कार्य करेंगे। यह संयंत्र अधिकतम भार और संतुलन की आवश्यकता को पूरा करके स्थिरीकरण में योगदान देगा। टिहरी पीएसपी जिसमें 250 मेगावाट की प्रत्येक चार रिवर्सिबल इकाइयां तथा भागीरथी नदी के बाएं किनारे पर भूमिगत मशीन हॉल का निर्माण शामिल है। परियोजना की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें अधिकतम और न्यूनतम शीर्ष के मध्य लगभग 90 मीटर का बड़ा शीर्ष विचलन है, जिससे रिवर्सिबल इकाइयां प्रचालित होंगी। टिहरी पीएसपी का प्रचालन ऊपरी जलाशय और निचले जलाशय के मध्य जल के पुनर्चक्रण की अवधारणा पर आधारित है। परियोजना के पूर्ण होने पर, उत्तरी क्षेत्र की विद्युत उत्पादन क्षमता में 1000 मेगावाट (वार्षिक उत्पादन 2442 मिलियन यूनिट) की वृदि्ध होगी। रिवर्सिबल इकाइयों के पंपिंग प्रचालन के लिए 3075 मि.यू. की पीक पावर की आवश्यकता होगी। टिहरी पीएसपी का निर्माण पूर्ण होने पर टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स की क्षमता 2400 मेगावाट हो जाएगी। यह 2400 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ प्रमुख पीकिंग पावर स्टेशन के रूप में कार्य करेगा।
2.0 परियोजना अनुमोदन
भारत सरकार ने जुलाई 2006 में दिसंबर 2005 के मूल्य स्तर पर 81.64 करोड़ रुपये की आईडीसी सहित 1657.60 करोड़ रुपये की लागत से 70:30 के ऋण इक्विटी अनुपात के साथ पंप स्टोरेज संयत्र (4x250 मेगावाट) के निष्पादन को मंजूरी प्रदान की है।
3.0 पुनरीक्षित लागत प्राक्कलन
पुनर्रीक्षित लागत प्राक्कलन-II: फरवरी 2019 के मूल्य स्तर पर टिहरी पीएसपी की अनुमोदित आरसीई-II 4825.60 करोड़ रूपये है।
पुनर्रीक्षित लागत प्राक्कलन -III: अगस्त 2024 के मूल्य स्तर पर आरसीई-III की तैयारी प्रगति पर है।
4.0 परियोजना की प्रत्याशित कमीशनिंग
यूनिट-1: COD 07.06.2025 को 00:00 बजे से घोषित किया गया।
यूनिट-2: COD 10.07.2025 को 00:00 बजे से घोषित किया गया।
यूनिट-3 और 4: क्रमशः नवंबर 2025 के मध्य से दिसंबर 2025 तक।