टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के वाणिज्यिक पहलुओं को कारपोरेट वाणिज्यिक विभाग द्वारा देखा जाता है। वाणिज्यिक विभाग के प्रमुख कार्य निम्‍नानुसार हैं:-

  1. विद्युत क्रय करार पर हस्ताक्षर करना।
  2. विद्युत का आबंटन।
  3. वाणिज्यिक प्रचालन के अधीन यूनिट एवं विद्युत संयंत्रों की घोषणा ।
  4. टैरिफ एवं अन्य संबंधित मामलों के निर्धारण हेतु माननीय केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग(सीईआरसी) के समक्ष टैरिफ याचिकाएं दर्ज करना ।
  5. विभिन्न विनियामक मुद्दों जैसे मसौदा विनियमन पर टिप्पणियां, दीर्घ अवधि एक्सेस एवं विविध याचिकाओं इत्यादि पर कार्य करना।
  6. ऊर्जा एवं संबद्ध बीजक तैयार करना।
  7. राजस्व वसूली एवं अन्य संबद्ध गतिविधियां।
  8. आपसी विश्वास के माध्यम से लाभार्थियों के साथ सतत मूल्य आधारित संबंध बनाना ।

प्रचालन एवं अनुरक्षण के अधीन जल विद्युत परियोजनाएं

वर्तमान में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड उत्तराखंड राज्य में दो बड़ी जल विद्युत परियोजना नामत: टिहरी एचपीपी (1000मे.वा.) एवं कोटेश्वर एचईपी (400 मे.वा.) का प्रचालन एवं अनुरक्षण कर रही है। उपर्युक्त दोनों परियोजनाएं बहुद्देशीय परियोजनाएं हैं, जो कि कमांड क्षेत्र को सिंचाई सुविधा एवं दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश को पेयजल उपलब्ध करा रही हैं। टिहरी एचपीपी एवं कोटेश्वर एचईपी दोनों क्रमश 09.07.2007 एवं 01.04 2012 को उत्तरी ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज की गई एवं वाणिज्यिक प्रचालन के अधीन घोषित की गई। टिहरी एचपीपी एवं कोटेश्वर एचईपी क्रमश: 2797 मि.यू एवं 1154.84 मि.यू. वार्षिक विद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए परिकल्पित की गई हैं।

उपर्युक्त परियोजना से उत्पादित विद्युत की आपूर्ति विद्युत क्रय करारों एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी आवंटन आदेशों के अनुसार उत्तरी क्षेत्र में मुख्यतया लाभार्थी राज्यों को की जा रही है। उपर्युक्त परियोजनाओं से उत्पन्न कुल ऊर्जा में से 12% विद्युत की आपूर्ति गृह राज्य अर्थात उत्तराखंड को निशुल्क की जाती है।

उपर्युक्‍त के अलावा, ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना (24 मेगावाट) 13.05.2020 को कमीशन की गई एवं वाणिज्यिक प्रचालन के अधीन घोषित की गई। ढुकुवां एसएचपी से उत्‍पन्‍न विद्युत की आपूर्ति उत्‍तर प्रदेश को की जा रही है।

टैरिफ

टिहरी एचपीपी एवं कोटेश्‍वर एचईपी के लिए वार्षिक नियत मूल्य के रूप में टैरिफ का अनुमोदन माननीय सीईआरसी द्वारा प्रचलित टैरिफ नियमों के आधार पर समय समय पर किया जाता है। ढुकुवां एसएचपी से विद्युत की आपूर्ति रु. 4.87 प्रति यूनिट के निश्चित टैरिफ पर उत्‍तर प्रदेश को की जा रही है।

बिलिंग

टिहरी एचपीपी एवं कोटेश्‍वर एचईपी के लिए ऊर्जा बीजक माननीय सीईआरसी द्वारा अनुमोदित टैरिफ, उत्‍तरी क्षेत्र विद्युत कमेटी (एनआरपीसी) द्वारा जारी मासिक क्षेत्रीय ऊर्जा लेखा के आधार पर परियोजनाओं के लाभार्थियों को भेजे जाते हैं। ढुकुवां एसएचपी के संबंध में ऊर्जा बीजक एसएलडीसी, उ.प्र. द्वारा जारी मासिक क्षेत्रीय ऊर्जा लेखा एवं अनुमोदित नियत टैरिफ के आधार पर जारी किए जाते हैं।

प्रचालन एवं अनुरक्षण के अधीन पवन परियोजनाएं

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड वर्तमान में गुजरात में दो पवन विद्युत परियोजना पाटन एवं द्वारका जिनकी संस्‍थापित क्षमता क्रमश: 50 मे.वा. एवं 63 मे.वा. है का प्रचालन एवं अनुरक्षण कर रही है। पाटन पवन परियोजना 29.06.2016 को कमीशन की गई एवं द्वारका 31.03.2017 को कमीशन की गई। विद्युत क्रय करार के अनुसार उपर्युक्त परियोजनाओं से कुल उत्पादित विद्युत की आपूर्ति गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) को की जा रही है।

टैरिफ

पाटन एवं द्वारका पवन परियोजनाओं के लिए विद्युत क्रय करार पर क्रमशः रु. 4.15 प्रति यूनिट एवं रु. 4.19प्रति यूनिट के नियत टैरिफ पर 25 वर्षों के परियोजना के जीवन काल के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किए गए।

बिलिंग

अनुमोदित नियत टैरिफ एवं एसएलडीसी, गुजरात द्वारा जारी किए गए ऊर्जा लेखा के आधार पर गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड(जीयूवीएनएल) को ऊर्जा के बीजक भेजे जाते हैं।

उत्‍पादन आधारित प्रतिलाभ (जीबीआई):

50 मे.वा. की पाटन पवन ऊर्जा परियोजना एवं 63 मे.वा. की द्वारका पवन परियोजना जीबीआई के अनुदान के लिए आईआरईडीए के साथ पंजीकृत हैं। पाटन पवन परियोजना एवं द्वारका पवन परियोजना 0.50 रु. प्रति यूनिट की दर से क्रमश: 50 करोड़ रु. की सीमा तक (1 करोड़ रु./मे.वा.) एवं 63 करोड़ रु.(1 करोड रु./मे.वा.) की जीबीआई प्राप्‍त करने के हकदार हैं।

प्रचालन एवं अनुरक्षण के अधीन सौर परियोजनाएं

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड वर्तमान में केरल के कासरगाड में एक सौर विद्युत संयंत्र जिसकी संस्‍थापित क्षमता 50 मे.वा. है का प्रचालन एवं अनुरक्षण कर रही है। उपर्युक्‍त परियोजना 31.12 2020 को कमीशन की गई ।

टैरिफ

उपर्युक्‍त परियोजना के लिए विद्युत क्रय करार पर केएसईबी के साथ हस्‍ताक्षर किए गए एवं उपर्युक्‍त परियोजना से उत्‍पन्‍न कुल विद्युत की आपूर्ति केरल राज्‍य को की जा रही है। उपर्युक्‍त सौर परियोजना के लिए टैरिफ दर 3.10 रु. प्रति यूनिट है।