जल विद्युत विकास में भारत-भूटान सहयोग के तहत, निम्नलिखित दो परियोजनाओं की डीपीआर अद्यतन करने का कार्य टीएचडीसीआईएल को सौंपा गया था :

  1. संकोश एचईपी कॉम्प्लेक्स (2585 मेगावाट)
  2. बुनाखा एचईपी (180 मेगावाट)

बुनाखा जल विद्युत परियोजना पश्चिमी भूटान में चुखा द्ज़ोंग (जिला) में बुनाखा गांव के पास स्थित है। यह साइट मौजूदा चुखा बांध के 3.25 किमी अपस्‍ट्रीम में स्थित है, जहां 2.5 किमी लंबे पैदल मार्ग से पहुंचा जा सकता है, जो पुएंशोलिंग-थिम्फू राष्ट्रीय राजमार्ग से 102 किमी माइलस्‍टोन से शुरू होता है। पुएंशोलिंग परियोजना स्थल से 105 किमी दूर है ।

निकटतम रेल हेड हासीमारा (पश्चिम बंगाल) है, जो परियोजना स्थल से लगभग 125 किमी की दूरी पर स्थित है और भारत में निकटतम सड़क हेड जयगांव (पश्चिम बंगाल) है, जो भूटान के पुएंशोलिंग शहर की सीमा पर और हासीमारा से लगभग 18 किमी दूरी पर , सिलीगुड़ी और गुवाहाटी को जोड़ने वाले एनएच-31सी पर स्थित है।

02 मार्च, 2010 को नई दिल्ली में हुई ईजेजी की बैठक में मंजूरी प्राप्‍त होने के बाद डीपीआर तैयार करने का कार्य शुरू किया गया।

बुनाखा एचईपी (180 मेगावाट) की डीपीआर पूरी कर ली गई है और 30 अगस्त,2011 को सीईए और सीडब्ल्यूसी को प्रस्तुत कर दी गई है।

सीईए द्वारा डीपीआर को तकनीकी एवं आर्थिक सहमति प्रदान की गई है। सीईए द्वारा औपचारिक टीईसी सूचना जारी की गई है।

आईजी समझौते पर अप्रैल,14 में हस्ताक्षर किए गए थे। कैबिनेट नोट के मसौदे को अंतिम रूप देना और बुनाखा एचईपी के लिए आवश्यक ब्याज सब्सिडी विदेश मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय में विचाराधीन है। जैसे ही कैबिनेट की मंजूरी प्राप्‍त हो जाती है तो दो संयुक्त उद्यम भागीदारों यानी टीएचडीसीआईएल और डीजीपीसी के बीच बुनाखा एचईपी के लिए पूर्व-निर्माण गतिविधियों को शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

बुनाखा एचईपी के लिए अंतिम ईआईए और ईएमपी रिपोर्ट 28.01.2015 को हाइड्रो पावर एवं पावर सिस्‍टम विभाग, विदेश मंत्रालय और आरजीओबी, थिम्पू को भेज दी गई है।

परियोजना को व्यवहार्य बनाने के लिए आवश्यक सब्सिडी के साथ 30 वर्ष, 35 वर्ष और 50 वर्ष की परियोजना अवधि को ध्यान में रखते हुए विभिन्न परिदृश्यों में बुनाखा एचईपी के टैरिफ पर काम किया गया है और 21.12.2016 को विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को सूचित किया गया है।

बुनाखा एचईपी के कार्यान्वयन के लिए विद्युत मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।