टीएचडीसी के द्वारा कारपोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न लोक कल्याणकारी गतिवधियों का निरंतर कार्यान्वयन किया जा रहा है| इसी के तहत सीएसआर विभाग, खुर्ज़ा के द्वारा हाल ही में परियोजना प्रभावित क्षेत्र के कुल 15 स्कूलों में वायुमंडल से पीने योग्य पानी निकालने वाली वायुमंडलीय जल उत्पादन (Atmospheric Water Generator-AWG) तकनीक पर आधारित मेघदूत जल संयंत्र लगवाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है एवं इस क्षेत्र के स्थानीय जन प्रतिनिधियों के द्वारा स्कूली छात्रों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने की लगातार मांग की जा रही थी| संयुक्त राष्ट्र के आंकडों के अनुसार, वर्ष 2030-2040 तक हर चार में से एक बच्चे को पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ेगा और लगभग 750 मिलियन लोग इस कारण विस्थापित होंगे| इस तकनीक की विशेष बात यह है कि इसमें भूजल या सतही जल की कोई आवश्यकता नहीं है| इसमें जल उत्पादन और शुद्धिकरण एक ही उपकरण में समाहित है| यह मशीन हवा से नमी को खींच कर उसमें मौजूद सभी प्रदूषकों को साफ करेगी और उसे साफ़ पीने योग्य जल में बदल देगी। वायुमंडल में तापमान और आर्द्रता जितनी अधिक होगी, हवा से पानी की मात्रा उतनी ही अधिक उत्पन्न होगी। इस तकनीक से पानी के परम्परागत साधनों पर निर्भरता कम होगी एवं वैकल्पिक साधनों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसे प्राकृतिक आपदाओं के समय जल के परम्परागत साधनों के बाधित होने एवं जल प्रदूषण की समस्या वाले इलाक़ों में भी उपयोग में लाया जा सकता है। इस तकनीक से आपातकालीन समय पर पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकती है। इन मेघदूत जल संयंत्रों (AWG) का वित्तपोषण सेवा-टीएचडीसी के माध्यम से किया गया है। छात्र संख्या के अनुरूप ही 10 स्कूलों में 60 Liters Per Day (LPD) एवं 5 स्कूलों में 150 LPD की क्षमता वाली मेघदूत मशीन लगाई गई है। इन जल संयंत्रों के लगने से स्कूली छात्रों में हर्ष का माहौल है। ग्रामीणों ने इस नेक पहल के लिए टीएचडीसी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। परियोजना प्रमुख श्री कुमार शरद ने सीएसआर विभाग को इस कार्य को पूरा करने के लिए बहुत शुभकामनाएँ दीं। इस कार्य को पूरा करने में श्री गजेन्द्र सिंह (अपर महाप्रबंधक), श्री राकेश उनियाल (प्रबंधक), श्री ओमबीर सिंह (सहायक प्रबंधक), श्री के पी थपलियाल (सहायक प्रबंधक) समेत पूरे सीएसआर विभाग का प्रमुख योगदान रहा|