कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में 18 जून, 2021 को उप प्रबंधक स्तर के कार्यपालकों एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति हरिद्वार के सदस्य संस्थानों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । यह आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से किया गया । कार्यशाला की अध्‍यक्षता टीएचडीसी इंडिया लि. के महाप्रबंधक (एचआर एवं प्रशासन), श्री वीर सिंह ने की । कार्यशाला में व्याख्यान देने के लिए मुख्य संकाय सदस्य उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के डीन, प्रो. (डॉ.) दिनेश चमोला, डी.लिट को आमंत्रित किया गया था । इस अवसर पर टीएचडीसी इंडिया लि. के उपमहाप्रबंधक(एचआर-स्था./हिंदी) सहित अनेक वरि.अधिकारी ऑनलाइन जुड़े हुए थे । सर्वप्रथम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के वरि.हिंदी अधिकारी एवं नरकास हरिद्वार के सचिव, श्री पंकज कुमार शर्मा ने कार्यक्रम के अध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं कार्यशाला में प्रतिभागिता कर रहे कारपोरेट कार्यालय एवं नराकास हरिद्वार के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रचंड प्रकोप से स्थितियां तेजी से बदली और हम इस कठिन समय में प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक प्रयोग करते हुए वर्चुअल दुनिया में प्रवेश कर गए हैं। फिजीकल गैदरिंग न कर पाने के बावजूद प्रौद्योगिकी के विकास का लाभ उठाते हुए हम इन कठिन परिस्थितियों में भी अपने सांविधिक दायित्वों को पूरा कर पाने में सफल हो पा रहे हैं । श्री ईश्‍वर दत्‍त तिग्गा, उप महाप्रबंधक (एचआर - स्थापना / हिंदी) ने अपने संबोधन में कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्मचारियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं और हिंदी कार्यशाला भी उन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक है । इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष महोदय ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि सभी प्रतिभागी इस कार्यशाला में डॉ. चमोला जैसे विद्वान से जो कुछ भी सीखकर जाएं उसका प्रयोग अपने कार्यक्षेत्र में करते हुए अपने-अपने विभागों / संस्थानों में राजभाषा कार्यान्वयन को बढ़ाने का प्रयास करें । कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ चमोला ने अपने व्याख्यान में अनुवाद एवं प्रशासनिक हिंदी विषय पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया । उन्होंने विभिन्न शब्दावलियों की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि प्रशासनिक सामग्री का अनुवाद करते समय प्रशासनिक शब्दावली का अपने पास होना आवश्यक है । उन्होंने अनेक रोचक उदाहरण देते हुए एक ही शब्द के अनेक अर्थ होने एवं उचित स्थान पर उचित शब्द का प्रयोग करने के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी । श्री चमोला ने अनुवाद की प्रविधियों, सिद्धांतों एवं प्रयोग के बारे में भी बताया । साथ ही यह भी अनुरोध किया कि कार्यालय के कार्य में शब्दावलियों का अवलोकन करना आवश्यक है, अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अनुवाद करना सभी को आना चाहिए तथा यह केवल किसी एक विभाग या अनुभाग तक सीमित नहीं रहना चाहिए, तभी हम राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत जारी किए जाने वाले 14 प्रकार के दस्तावेजों को सही रूप में द्विभाषी जारी करने में सक्षम हो सकते हैं । कार्यशाला में कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश के साथ-साथ नराकास हरिद्वार के कुल मिलाकर 106 कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की । चर्चा सत्र में अनेक कर्मचारियों ने अपने फीडबेक में कहा कि यह कार्यशाला कार्यालय के रोजमर्रा के कामकाज में काफी उपयोगी साबित होगी । अंत में वरि.हिंदी अधिकारी, श्री पंकज कुमार शर्मा ने कार्यक्रम के अध्यक्ष, महाप्रबंधक (एचआर एवं प्रशा.) एवं उप महाप्रबंधक (का.-स्था./हिंदी) तथा मुख्य संकाय सदस्य का कार्यशाला में समय देने के लिए आभार व्यक्त किया एवं समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया ।