दिनांक: 09.08.2022 को टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड टिहरी में  आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया I कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि, कार्यपालक निदेशक(टीसी), श्री यू.के.सक्सेना एवं कार्यपालक निदेशक (पीएसपी), श्री एल.पी.जोशी,के साथ दीप प्रज्वलित कर किया I दीप प्रज्वलित सहयोगियों में महाप्रबंधक(परियोजना), कोटेश्वर, श्री ए.के. घिल्डियाल, महाप्रबंधक, नियोजन श्री अभिषेक गौड़, महाप्रबंधक, ओएंडएम, श्री आर.आर. सेमवाल, महाप्रबंधक, यांत्रिक, श्री एम.के.सिंह, महाप्रबंधक, नई परियोजनाएं, नई टिहरी, श्री सी.पी. सिंह, अपर महाप्रबंधक, मानव संसाधन एवं प्रशासन, डॉ. ए.एन.त्रिपाठी एवं आमंत्रित कवियों की टीम साथ में थी I मुख्य अतिथि, कार्यपालक निदेशक (टीसी), श्री यू.के.सक्सेना, कार्यपालक निदेशक (पीएसपी) श्री एल.पी.जोशी ने कवियों का सम्मान शाWल भेंट कर किया I कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि श्री दीपक गुप्ता (हास्य रस), महेंद्र अजनबी (हास्य रस), योगेन्द्र शर्मा (वीर रस), सुश्री गौरी मिश्रा (श्रृंगार रस), श्री हरमेन्द्र पाल (हास्य रस) आमंत्रित थे I कवियों के संचालक श्री दीपक गुप्ता द्वारा सभी कवियों का परिचय उपस्थित जन समूह से कराया गया एवं कवि सम्मेलन की शुरुआत आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शहीदों को नमन करते हुए इस तरह से की— हमें भी फ़क्र होता है,कफ़न भी नाज करता है. वतन पर जां निसारी जब कोई जांबाज करता है. गजब का हौसला अद्भुत चमक आँखों में होती है, परिंदा जब कोई पहली दफा परवाज करता है.” नैनीताल से आई सुश्री गौरी मिश्रा द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया- “शब्द को संवार दे, अर्थ को निखार दे, पंक्तियों को प्यार दे, आज माँ सरस्वती” गौरी मिश्रा ने सेना के जवानों की हौसला अफजाई पर गीतों की सुंदर प्रस्तुति देते हुए कहा -- “राखी के धागों में बहने भेज रहीं हैं प्यार सीमा की रक्षा को भैया तुम रहना तैयार ऐसा न हो चीन देश की सीमा में घुस आये पैर काट देना तुम उसके अगर वो कदम बढ़ाए घाटी है गलवान हमारी भारत माँ का हार सीमा की रक्षा को भैया तुम रहना तैयार राखी के धागों में बहने भेज रहीं हैं प्यार” कवि हरमिंदर पाल ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि --- “लेखनी की धार अब करे तेज वार सच ही लिखने से ना घबराऊँ माँ चाहे कैसी हो,लाचारी हो कोई भी अहंकारी” कवि महेंद्र अजनबी ने- भारतीय रेल की गति यानि समय की दुर्गति आदि से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया I वीर रस के जाने-मने कवी श्री योगेन्द्र शर्मा ने वीर रस से ओत-प्रोत कविताओं को प्रस्तुत किया- “हिंद की जय हिंद की जय जब शोर चारों ओर था गगन भेदी गर्जना का दौर भी घनघोर था. पाक की मुर्दानगी पर हिंद जिंदाबाद था. युद्ध सरहद पर छिड़ा ये रेडियो बोला था. इस कवि सम्मेलन में कवियों ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्हें नमन एवं सम्मान देने का आह्वान किया I कार्यक्रम में कवियों द्वारा श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों पर तंज कसे एवं वर्तमान में नेताओं एवं राजनीतिज्ञों की तिकड़ी के मोहजाल से बचने की हिमाकत करते हुए समाज को नई दिशा देने एवं स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीदों को सम्मान देने का प्रयास श्रोताओं के साथ अत्यधिक सफल रहा I इस अवसर पर श्री दीपक कुमार, अपर महाप्रबंधक, गुणवत्ता नियंत्रण, श्री डी.सी.भट्ट, उप महाप्रबंधक, विद्युत, श्री दिलीप द्विवेदी वरिष्ठ प्रबंधक, श्री इन्द्र राम नेगी, प्रबंधक, श्री ए.पी.एस.बिस्ट, उप प्रबंधक, श्री आर.डी. ममगाई, उप प्रबंधक, श्री दीपक उनियाल, उप प्रबंधक, श्रीमती नीरज सिंह, जूनियर अधिकारी (हिंदी) के अलावा बड़ी संख्या में अधिकारी/ कर्मचारी उपस्थित थे I कार्यक्रम का संचालन श्री मनबीर नेगी, प्रबंधक (जनसंपर्क ) द्वारा किया गया I

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